NHAI ने अवैध टोल वसूलने वाली 14 एजेंसियों की जमानत राशि छुड़ाई


भोपाल, 16 जून( ट्रांसपोर्ट रिपोर्टर)। सड़क से लेकर संसद तक गूंजे टोल घोटाले में टोल वसूलने के लिए अनुबंधित 14 एजेंसियों पर कार्रवाई की गई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने जिम्मेदार एजेंसियों को दो वर्ष के लिए प्रतिबंधित करने के साथ ही अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन के कारण उनकी लगभग 100 करोड़ रुपये जमानत राशि भी जब्त कर ली है।
टोल संग्रह की व्यवस्था को आधुनिक और पारदर्शी बनाने के सरकार के दावे को उस समय झटका लगा, जब यूपी एसटीएफ ने मीरजापुर के अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा पर छापा मारा। तब आरोप लगा कि देश के लगभग 42 टोल प्लाजा पर अवैध टोल वसूली का खेल चल रहा था और सरकार को उससे 120 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया गया।
टोल प्लाजा पर बिना फास्टैग या प्रतिबंधित फास्टैग वाले वाहनों से संग्रहण के अनुबंधित एजेंसियों के कर्मी फर्जी सॉफ्टवेयर से अवैध वसूली कर रहे थे। मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इस मामले में चली कानूनी कार्रवाई के साथ ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भी तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की।
सरकार का दावा है कि रिपोर्ट में सामने आया है कि इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम में कोई खामी नहीं पाई गई है। 98 प्रतिशत टोल संग्रह ईटीसी सिस्टम से ही हुआ है। चूंकि, कारण बताओ नोटिस का संतोषजनक जवाब टोल संग्रह एजेंसियां नहीं दे सकी हैं, इसलिए एनएचएआई ने उन पर कार्रवाई करते हुए दो वर्ष के लिए प्रतिबंधित करते हुए जमानत राशि भी जब्त कर ली है।
अब इन टोल प्लाजा पर टोल संग्रह का काम नई एजेंसियों को सौंपने को कहा गया है। इसके साथ ही मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी है कि सटीक आंकड़ा जुटाने के लिए प्रमुख (हाई वैल्यू) टोल प्लाजा पर एआई का उपयोग करते हुए ऑडिट कैमरे भी लगाए जाने पर विचार किया जा रहा है।
सरकार की ओर से संसद में यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर गलत टोल संग्रह के लिए 2024 में 12.55 लाख रुपये रिफंड किए गए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि गलत टोल संग्रह के मामलों में संबंधित एजेंसियों पर अब तक दो करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है।
नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा गलत टोल संग्रह किए जाने की सूचना दी थी। ऐसे कुल 410 करोड़ फास्टैग लेनदेन थे, जो सभी फास्टैग लेनदेन का 0.03 प्रतिशत है।
मंत्री ने बताया कि अगर टोल एजेंसियां गलत यूजर चार्ज वसूलने की जिम्मेदार पाई जाती हैं तो अनुबंध के अनुसार उस अतिरिक्त यूजर चार्ज पर 30-50 गुना जुर्माना लगाया जाता है। दरअसल, कभी-कभी वाहनों से राष्ट्रीय राजमार्ग या एक्सप्रेसवे पर यात्रा किए बिना भी टोल शुल्क वसूल लिया जाता है।
ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि एजेंसियां मैन्युअल रूप से वीआरएन-आधारित लेनदेन बनाते समय सिस्टम में गलत वाहन पंजीकरण संख्या (वीआरएन) दर्ज कर देती हैं। कभी-कभी फास्टैग रीडर द्वारा कई बार रीडिंग लेने के कारण दोगुना शुल्क ले लिया जाता है।

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